उत्तरवाहिनी परिक्रमा सह नर्मदा खण्ड दर्शन यात्रा यात्रा

Mandla, MP

Excellent

170 Review

यात्रा राशि

रु.24,000/- (प्रति व्यक्ति)

अवधि

8 दिवस 7 रात्र

Group Size

Maximum 56

Languages

Hindi

यात्रा दिनांक

10/04/2025 - 17/04/2025

यात्रा परिचय

यात्रा राशी रु. 24000/- (प्रति व्यक्ति) (जबलपुर तक आवागमन व्यय यात्री वहन करेंगे) यात्रा राशी में भोजन, निवास, स्थानीय भ्रमण, गाईड, दर्शनीय स्थल शुल्क आदि समस्त व्यय सम्मिलित. सर्व सुविधायुक्त होटल निवास व्यवस्था, ए.सी. मिनी बस द्वारा आरामदायक प्रवास)

प्रेरणा - पू. गुरुजी पं. श्री अविनाशजी महाराज - आयोजक- कैवल्य धाम आश्रम

  • 01
    DAY 1 :
    - प्रातः 10 बजे से ओंकारेश्वर में एकत्रीकरण एवं आयोजकों की सेवा प्रारंभ।
  • 08
    DAY 8 :
    - रात्रि 8 बजे यात्रा समापन एवं ओंकारेश्वर रात्रि विश्राम ।
  • 09
    DAY 9 :
    - प्रातः 10 बजे यात्रा विसर्जन एवं आयोजकों की सेवा समापन ।
व्यास दंड उत्तरवाहिनी परिक्रमा महात्म्य:

पुराण आदि ग्रंथों में व्यास तीर्थ (मंडला) में माँ नर्मदा के उत्तर प्रवाह की चैत्र मास में परिक्रमा करने के अनेक उत्तम महात्म्य का वर्णन प्राप्त होता है।

उदीची नर्मदा यत्र प्रतीची यत्र जाह्नवी।
क्षेत्रं गच्छ नृपश्रेष्ठ प्राची यत्र सरस्वती ।। रे.ख.2/10/6

जहाँ माँ नर्मदा उत्तर, माँ गंगा पश्चिम और माँ सरस्वती पूर्व की ओर प्रवाहित होती है, वह क्षेत्र उत्तम तीर्थ स्थान हैं।

यत्रास्ते भगवान विष्णु रेवा चोत्तरवाहिनी।
तत्र स्नात्वा महाराज वैष्णवं लोक माप्नुयात ॥ रे. खं.2/10/4

जहाँ माँ नर्मदा उत्तर की ओर बहती है, वहाँ श्री हरि विष्णु का वास होता है और यहाँ स्नान करने से विष्णुलोक की प्राप्ति होती है।

प्रदक्षिणं तुयः कुर्यात् तस्मिंस्तीर्थे युधिष्ठिरः ।
प्रीतस्तस्यभवेद् व्यासो वांछितंलभते फलम् ॥ कृ.पु.39/26

हे युधिष्ठिर, व्यास तीर्थ (मंडला) की जो प्रदक्षिणा करता है उसे वेदमहर्षि व्यास प्रसन्न होकर इच्छित फल प्रदान करते हैं. पद्म पुराण के अनुसार जो व्यास नारायण प्रतिमा कां पूजन और सूत्र बंधन करता है, वह अनंत काल पर्यंत शिवलोक में विहार करता है। मत्स्य पुराण में तो व्यास तीर्थ (मंडला) परिक्रमा की तुलना संपूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा के सदृश्य मानी गई है।

प्रदक्षिणं तुयः कुर्यात् तस्मिंतीर्थे नराधिप।
प्रदक्षिणी कृता तेन सप्त द्वीपा वसुंधराः ॥ म.पु. 19/1 46

अर्थात इस तीर्थ की जिसने परिक्रमा करी, तो उसने संपूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा पूर्ण करी ऐसी धारणा है।


इस प्रकार अनेक धर्मग्रंथों में चैत्र माह में उत्तर की ओर बहती हुई माँ नर्मदा की परिक्रमा और उसमें भी विशेष रूप से व्यास तीर्थ (मंडला) में उत्तर की ओर बहती हुई माँ नर्मदा के उत्तर प्रवाह क्षेत्र की परिक्रमा का अनन्य साधारण महत्व का वर्णन प्राप्त है। जो भक्त चैत्र माह में यह परिक्रमा करता है उसे संपूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा का लाभ प्राप्त होता है।

अनेक धर्म ग्रंथों में वर्णित महात्म्य के अनुसार, माँ नर्मदा की कृपा और कैवल्यधाम आश्रम के संस्थापक पू. गुरूजी पं. श्री अविनाश जी महाराज की प्रेरणा से कैवल्य धार्मिक यात्रा संस्थान द्वारा प्रतिवर्ष व्यास दंड उत्तरवाहिनी परिक्रमा के साथ ही अमरकंटक से बरमान (मुण्ड महारण्य क्षेत्र) के नर्मदा खण्ड के सूक्ष्म नर्मदा तट के दिव्य दर्शन की आठ दिवसीय यात्रा का आयोजन दि. 10-04-2025 से 17-04-2025 तक किया गया है। सभी नर्मदा भक्तों से इस दिव्य यात्रा में सम्मिलित होने का विशेष अनुरोध है।

यात्रा व्यवस्था
  • संपूर्ण यात्रा ए.सी. पुशबेक मिनी बस द्वारा संपन्न होगी

  • वाहन में बैठक व्यवस्था प्रथम आओ पहले पाओ के आधार पर होगी।

  • सर्वत्र होटल में एक कमरे में 2 व्यक्तियों की व्यवस्था रहेगी, कमरे के ए.सी. का शुल्क अतिरिक्त।

  • दोनों समय शुद्ध सात्विक भोजन, प्रातः नास्ता, दोनों समय चाय/कॉफी एवं प्रतिदिन 2 लीटर पैक पेयजल की व्यवस्था रहेगी।

  • यात्रा राशी में समस्त स्थानीय भ्रमण आदि शुल्क सम्मिलित हैं।

  • समय पर भोजन प्राप्ति हेतु अलग भोजन वाहन की व्यवस्था रहेगी।

  • पैदल उत्तरवाहिनी परिक्रमा करते समय एक दिन श्वेत वस्त्र परिधान अपेक्षित हैं।

  • मूल्यवान आभूषण, वस्तु आदि स्वयं की जवाबदारी पर साथ में लावें।

  • पैदल उत्तरवाहिनी परिक्रमा के संकल्प पूजन की दक्षिणा रु. 551/- (प्रत्येक) यात्रा राशी के अतिरिक्त प्रदान करना होगी।

  • रु. 8000/- (प्रति व्यक्ति) जमा कर के आरक्षण करें। यात्रा आरंभ होने के दो माह पूर्व रु. 8000/- जमा करें शेष राशी यात्रा प्रारंभ वाले दिन जमा करें।

  • 90 अथवा अधिक दिन पहले यात्रा निरस्त करने पर रु.2000/, 60 से 89 दिन में निरस्त करने पर रु. 4000/-, 30 से 59 दिन में निरस्त करने पर कुल यात्रा राशी का 25%, 15 से 29 दिन में निरस्त करने पर 50% राशी काटकर शेष रकम लौटाई जाएगी। यात्रा प्रारंभ होने के 15 अथवा कम दिन शेष रहने पर कोई राशी लौटाई नहीं जाएगी।

  • अपरिहार्य कारणों से कार्यक्रम में आंशिक परिवर्तन का अधिकार आयोजकों के पास सुरक्षित है।

  • उपवासिक भोजन की व्यवस्था नहीं रहेगी।

सामान एवं अन्य निर्देश
  • यात्री अपने शारीरिक स्वास्थ्य एवं परहेज का स्वयं ध्यान रखेंगे । नियमित औषधियां पर्याप्त मात्रा में साथ में रखें। प्राथमिक उपचार की सुविधा रहेगी, स्वास्थ्य अधिक खराब होने की परिस्थिति में परिजनों को सूचना देकर उचित निर्णय लिया जावेगा ।

  • कम से कम सामान के साथ यात्रा करके अधिक से अधिक आनंद प्राप्त करें। 3-4 दिन का सामान छोटे एयरबैग में रखें, जो आप प्रतिदिन वहन करेंगे। बड़ा सूटकेस अथवा बेग जो वाहन की डिक्की में रखा जावेगा, वह आपको 3-4 दिन में एक बार सेवकों के माध्यम से विश्राम स्थल पर दिया जावेगा ।

  • मूल्यवान आभूषण, वस्तुएं स्वयं की जिम्मेदारी पर साथ में लावें ।

  • यात्री अपने साथ शासन प्रमाणित परिचय पत्र (आधार कार्ड आदि) एवं एक पासपोर्ट आकार का फोटो आवेदन पत्र में संलग्न करें।

  • माँ नर्मदा में स्नान करते समय एवं अन्य स्थानों पर सुरक्षा निदेशों का पालन करना यात्री का उत्तरदायित्व है ।

  • माँ नर्मदा के घाटों पर स्वछता का ध्यान रखना एवं स्नान के समय साबुन का प्रयोग न करना यात्री का कर्तव्य है ।

  • तत्कालीन अपरिहार्य परिस्थिति के कारण कार्यक्रम में परिवर्तन का अधिकार आयोजकों के पास सुरक्षित है । सभी विवादों का न्यायक्षेत्र बड़वाह रहेगा ।

  • वर्षाकाल होने के कारण यात्री अपने साथ स्वयं छाता अथवा रेनकोट लावें। अपना सामान जलरोधी (वाटरप्रुफ) बैग में लावें ।

दर्शनीय तीर्थ स्थल

अमरकंटक क्षेत्र (कपिल धारा, दूध धारा, ज्वालेश्वर, अमरेश्वर, जैन मंदिर, नर्मदा उद्गम रेवाकुंड, माई की बगिया, सोन मूढा, श्रीयंत्र मंदिर, चक्रतीर्थ, पातालेश्वर, कर्णमठ, एरंडी संगम इत्यादि), व्यास नारायण मंदिर, राजराजेश्वर मंदिर (मंडला), संगम घाट (महाराजपुर), छोटी सहस्त्रधारा, पंचमठा, भेडाघाट (नौका विहार), धुआंधार धबधबा, चौसष्ट योगिनी मंदिर, मोती महाल, जमदग्नि तीर्थ (बुढनेर संगम), ऋण मुक्तेश्वर (कुकरा मठ), ग्वारी घाट, दक्षिण बरमान (पिसनहारी, शारदा मंदिर), उत्तर बरमान, द्वीपेश्वर (ब्रह्मा तपोभूमि), गोविन्दपादाचार्य तपोभूमि (गुरू गुफा), बबैहा गर्मजलकुण्ड, सप्तधारा, जोगी टिकरिया, कबीर चबूतरा, घुघवा जीवाश्म पार्क, नर्मदा वेद पाठशाला दर्शन.

नोट: देशकाल परिस्थिति अनुसार 1-2 स्थानों के दर्शन कम ज्यादा होने की संभावना।

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