आध्यात्मिक नर्मदा परिक्रमा सह समुद्र पंचकोशी यात्रा

प्रारंभ एवं समापन :- इन्दौर

Excellent

160 Review

यात्रा राशि

र75000/- (प्रति व्यक्ति)

अवधि

15 दिवस

Group Size

Maximum 50

Languages

Hindi

यात्रा दिनांक

13/02/2026 से 02/03/2026

यात्रा की आध्यात्मिक विशेषता
  • नर्मदा पुराणमर्मज्ञ पं. अनय "रेवाशीष" जी के मुखारविन्द से प्रतिदिन संगीतमय दिव्य नर्मदा पुराण कथा।

  • प्रतिदिन षोडशोपचार नर्मदा पूजन।

  • पांच तीर्थ स्थानों पर विशेष नर्मदा महाश्रृंगार पूजन।

  • अमरकंटक में विशेष भव्य महाआरती।

  • कैवल्यधाम आश्रम में रमणीय नर्मदा तट पर पंचकुण्डात्मक महामृत्युंजय महायज्ञ एवं विशाल कन्याभोज में सम्मिलित होने का सुअवसर।

  • उत्तम संगीत कलाकारों के साथ संगीत-भजनों का आनंद।

  • उपरोक्त सभी विशेषताएं 'कैवल्यधाम आश्रम' के सौजन्य से माँ नर्मदा की सेवा में समर्पित हैं, जिसका शुल्क यात्रा राशी में सम्मिलित नहीं है।

  • परिक्रमा का मार्ग शास्त्रानुसार होने से, वाहन (अपवाद छोड़कर) विंध्याचल और सतपुड़ा पर्वत श्रेणी से बाहर नहीं जाता। इसीलिये दर्शन सूची में उज्जैन, मांडव, द्वारका, सोमनाथ जैसे तीर्थ स्थलों का समावेश नहीं है। इसी कारण 'आध्यात्मिक नर्मदा परिक्रमा' में अनेक पूजन अनुष्ठान होने के पश्चात भी माँ नर्मदा तट के सर्वाधिक तीर्थ स्थानों के दर्शन संभव हैं।

  • नर्मदा परिक्रमा के साथ ही समुद्र पंचक्रोशी का विशेष पुण्यलाभ।

इन्हीं विशेषताओं के कारण "आध्यात्मिक नर्मदा परिक्रमा" मात्र पर्यटन न होकर एक अविस्मरणीय अनुभव है।

यात्रा परिचय

कैवल्यधाम आध्यात्मिक नर्मदा परिक्रमा सह समुद्र पंचक्रोशी।। त्वदीय पाद पंकजं नमामी देवी नर्मदे ।। सर्व तीर्थेषु यत्पुण्यं, सर्व यज्ञेषु यत्फलम् । सर्व वेदेषु यत्ज्ञानं, तत्सर्व नर्मदा तटे ।। असंख्य देवी देवता, ऋषि, मुनियों की दिव्य तपस्थली होने के कारण माँ नर्मदा एकमात्र ऐसी सरिता है, जिसकी संपूर्ण परिक्रमा की जाती है। मुख्य रूप से पैदल की जाने वाली इस दिव्य यात्रा में 3 वर्ष 3 महिने एवं 13 दिन का समय लगता है और इसे कलयुग की सबसे बड़ी तपस्या माना जाता है। समयाभाव अथवा शारीरिक अक्षमता के कारण अनेक नर्मदा भक्त यह दिव्य तीर्थ यात्रा, बस जैसे आधुनिक साधन से करते हैं। परंतु माँ नर्मदा के तट की यह दिव्य यात्रा मात्र सामान्य पर्यटन न होकर जीवन परिवर्तित करने वाले विलक्षण आनंद का अनुभव है।


परिक्रमा काल में माँ नर्मदा का शास्त्रोक्त विधि से पूजन हो, जिन तीर्थ स्थलों का हम दर्शन कर रहे हैं, उसके पौराणिक महत्व का विवरण हमें मिले। नर्मदा पुराण के माध्यम से माँ नर्मदा के कृपाशिर्वाद की अनुभूति प्राप्त हो, साथ ही जीवन शैली एवं शारीरिक परिस्थिती के अनुसार सुविधायुक्त प्रवास भी हो, इसी पावन उद्देश्य से 'कैवल्यधाम आश्रम' के संस्थापक पू. गुरुजी पं. श्री अविनाश जी महाराज की प्रेरणा से 'आध्यात्मिक नर्मदा परिक्रमा' का विगत 13 वर्षों से आयोजन किया जाता है। इस वर्ष से इस यात्रा में परिक्रमा के साथ समुद्र पंचक्रोशी का भी समावेश किया गया है, जिससे इसका आनंद और बढ़ जाता है।


माँ नर्मदा के अद्भुत रहस्यों से परिचित होने के लिए एवं अविस्मरणीय अनुभव प्राप्त करने के लिए आध्यात्मिक चित्त वाले जिज्ञासु भक्तों को इस अनुपम परिक्रमा यात्रा में सम्मिलित होने का सादर निमंत्रण है।

समुद्र पंचक्रोशी के विषय में

माँ नर्मदा के भव्य तट पर संपूर्ण नर्मदा परिक्रमा के साथ ही अनेक दिव्य परंपराएं स्थानीय स्तर पर अपनी सांस्कृतिक परंपरा को समेटे हुए हैं। परिक्रमा के साथ ही स्थानीय स्तर पर परिक्रमा के अनेक स्वरुप विद्यमान हैं। समुद्र पंचक्रोशी भी उन्हीं में से एक दिव्य परंपरा है, जिसे स्थानीय निवासी "नवनाथ परिक्रमा" कहते हैं।


एक दिवसीय यह यात्रा गुजरात के भरूच जिले में दाहेज नगर की परिधी में समुद्र तट के निकट स्थित 13 नवनाथों के तीर्थ दर्शन की सुंदर यात्रा है। इस वर्ष कैवल्यधाम आश्रम द्वारा पारंपरिक "आध्यात्मिक नर्मदा परिक्रमा" के साथ ही "समुद्र पंचक्रोशी" का समावेश करके नवीन परंपरा का सूत्रपात किया है। माँ नर्मदा भक्तों से इस सुवर्ण संधी का लाभ प्राप्त करने का विनम्र अनुरोध है। आध्यात्मिक नर्मदा परिक्रमा सह समुद्र पंचक्रोशी यात्रा

परिक्रमा यात्रा के प्रमुख स्थल

पेशवा बाजीराव समाधी दर्शन (रावेरखेड़ी), राजघाट एकमुखी दत्त दर्शन, प्रकाशा (दक्षिण काशी, पुष्पदंतेश्वर, काशी विश्वेश्वर, केदारेश्वर दर्शन) शूलपाणेश्वर, स्वामीनारायण नीलकंठ धाम (पोयचा), गुमान देव, बलबला कुंड।


समुद्र पंचक्रोशी के अंतर्गत दर्शनीय तीर्थ :- भूतनाथ, मीठी तलाई, नीलकंठेश्वर, मखनेश्वर, शिंगनाथ, दुधेश्वर नाथ, सिकोत्तर माता, जगन्नाथ, कृष्णानंद आश्रम (उमियानाथ, नर्मदा मंदिर, दत्त मंदिर), आलबाई गेलबाई माता, हरिधाम आश्रम, परशुराम तीर्थ, भारभूतेश्वर (भगवान शिवशंकर का गुरुस्थान), दत्त मंदिर, पंचमुखी शिवलिंग, सोमेश्वर सप्त लिंग, अलिया बेट मुद्राकार माँ नर्मदा दर्शन ।


नीलकंठेश्वर (भरूच), नारेश्वर (प.पू. श्री रंगावधूत तपोभूमी), कुबेर भंडारी (कर्नाली), गरुडेश्वर (पू. टेंबेस्वामी समाधी, दत्त मंदिर), केवडिया, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी एवं सरदार सरोवर बांध दूर दर्शन। महेश्वर दर्शन (अहिल्या देवी होलकर का किला, भव्य नर्मदा घाट, राजराजेश्वर मंदिर, एकमुखी दत्त मंदिर, तुळजा भवानी मंदिर, सहस्त्रधारा दूर दर्शन), मंडलेश्वर (गुप्तेश्वर, पू. गोंदवलेकर महाराज स्थपित राम मंदिर, नर्मदा घाट), कैवल्यधाम आश्रम परिसर में पंच कुंडात्मक महामृत्युंजय महायज्ञ एवं विशाल कन्या भोज । ओखलेश्वर सिद्धहनुमान, नेमावर (नाभितीर्थ, सिद्धनाथ दर्शन) विंध्यवासिनी सलकनपुर देवी दर्शन, गौरी घाट (जबलपुर), जोगी टिकरिया (नर्मदा घाट), अमरकंटक उत्तरतट तीर्थ क्षेत्र (कपिल धारा, दूधधारा, दुर्वासा गुफा, ज्वालेश्वर, नर्मदा उद्गम मंदिर) दर्शन, रामघाट, भव्य माँ नर्मदा महाआरती।


अमरकंटक दर्शन (माई की बगिया, सोन नद उद्गम सोनमुढ़ा, श्रीयंत्र मंदिर, कोटी तीर्थ गौमुख, एरंडी संगम, ऋणमुक्तेश्वर कुकरा मठ, त्रिवेणी संगम घाट, सिद्धबाबा धूनी, सेठानी घाट नर्मदापुरम, नाभितीर्थ ऋद्धनाथ (हंडिया), ओंकारेश्वर ।

आरक्षण (बुकिंग) प्रक्रिया
  • यात्रा राशि में भोजन, निवास, पूजन सामग्री, स्थानीय भ्रमण आदि समस्त शुल्क सम्मिलित हैं।

  • आरक्षण के समय रू. 20,000/- प्रति व्यक्ति जमा करके अपना स्थान सुनिश्चित करें।

  • आपके द्वारा चयनित यात्रा प्रारंभ होने से 60 दिन पहले प्रति व्यक्ति 30,000/-रूपये जमा करें। शेष राशि यात्रा प्रारंभ होते समय जमा करें।

  • इन्दौर तक आवागमन का समस्त व्यय यात्री स्वयं वहन करेंगे। इन्दौर से ओंकारेश्वर आवागमन की व्यवस्था आयोजकों की रहेगी, परंतु खानपान आदि का व्यय यात्री स्वयं करेंगे।

  • आरक्षण राशि जमा करने पर यात्री को सभी सुविधा और नियम ज्ञात एवं मान्य हैं, ऐसा माना जाएगा।

  • कृपया किसी प्रकार की छूट अथवा डिस्काउंट की चर्चा न करें।

भोजन एवं खानपान व्यवस्था
  • यात्रा में दोनों समय शुद्ध-सात्विक स्वादिष्ट भोजन की व्यवस्था उपलब्ध रहेगी, जिसमें समयानुसार मिष्ठान्न का समावेश रहेगा।

  • भोजन में प्याज, लहसून, गाजर, चुकंदर (बीट) का प्रयोग नहीं होगा।

  • प्रातःकाल नाश्ता एवं दो समय चाय / कॉफी की व्यवस्था रहेगी।

  • एकादशी एवं संकष्टी चतुर्थी के उपवासिक भोजन की व्यवस्था रहेगी। व्यक्तिगत एवं साप्ताहिक उपवास की व्यवस्था नहीं रहेगी। उपवास के दिन प्रातः नाश्ते की व्यवस्था नहीं रहेगी।

  • समय पर भोजन प्रसादी की व्यवस्था के लिए अलग भोजन वाहन (पेन्ट्री कार) की व्यवस्था रहेगी।

  • सम्पूर्ण यात्रा काल में प्रतिदिन 2 लीटर बोतलबंद आर.ओ. शुद्धीकृत पेयजल प्रदान किया जाएगा।

  • दोपहर चाय के साथ ड्राय स्नेक्स, बिस्किट आदि की व्यवस्था रहेगी।

निवास व्यवस्था
  • यात्रा में सर्वत्र 2 यात्रिओं के लिये उत्तम होटल में अटैच सुविधागृह के डबल बेड़ कमरों में निवास व्यवस्था रहेगी।

  • निवास व्यवस्था के कमरे ए.सी. सुविधा युक्त रहेंगे।

  • यात्रा से पहले एवं बाद में ओंकारेश्वर में निवास का व्यय यात्रि स्वयं वहन करेंगे।

  • परिक्रमा में नर्मदा स्नान अत्यंत महत्वपूर्ण है। परंतु विश्राम स्थल पर गर्म जल की व्यवस्था रहेगी।

  • प्रथम तल (फर्स्ट फ्लोर) तक चढ़ने उतरने की मानसिकता के साथ यात्रा करें। एक दो स्थानों पर लिफ्ट सुविधा उपलब्ध नहीं हैं।

निरस्तीकरण (केन्सलेशन) प्रक्रिया
  • आपके द्वारा चयनित यात्रा प्रारंभ होने के 90 अथवा अधिक दिन पहले आरक्षण निरस्त करने पर प्रति व्यक्ति रू. 5000/- काटकर शेष राशी वापस लौटा दी जावेगी।

  • आपके द्वारा चयनित यात्रा प्रारंभ होने के 60 से 90 दिवस के मध्य यात्रा निरस्त करने पर रू. 15,000/- काटकर शेष राशी वापस लौटाई जावेगी।

  • आपके द्वारा चयनित यात्रा प्रारंभ होने के 30 से 59 दिवस के मध्य यात्रा निरस्त करने पर कुल यात्रा राशी का 20,000/- काटकर शेष राशी वापस लौटाई जावेगी।

  • यात्रा प्रारंभ होने में 30 दिन शेष रहने पर कोई राशी नहीं लौटाई जा सकेगी।

  • बताई गई समय सीमा में यात्रा राशी जमा न करने पर आरक्षण स्वतः निरस्त माना जायेगा एवं नियमानुसार राशी काटकर शेष राशि लौटा दी जावेगी।

  • यात्रा प्रारंभ होने के पश्चात किसी कारणवश बीच में यात्रा छोड़ने पर कोई राशी वापिस नहीं लौटाई जावेगी।

  • किन्हीं अपरिहार्य कारणों से आरक्षण निरस्त करने पर अन्य यात्री को अपने स्थान पर भेज सकते हैं।

  • आरक्षण निरस्त होने पर यात्रा राशी अन्य यात्राओं में समायोजित नहीं होगी।

  • प्राकृतिक आपदा अथवा शासकीय प्रतिबंध (लॉकडाऊन, कर्फ्यू) की स्थिति में यात्रा निरस्त होने पर जमा राशी वापस (रिफंड) न करते हुए भविष्य की यात्रा में समायोजित होगी।

यदि केंसलेशन प्रक्रिया ध्यान से पढे, तो यह अंशरतः पक्का किया जावेगा। बाद में किसी प्रकार का विवाद मान्य नहीं होगा।

प्रवास व्यवस्था
  • ओंकारेश्वर से ओंकारेश्वर तक की सम्पूर्ण यात्रा 2+2 पुश बेक लक्झरी एयर सस्पेंशन बस द्वारा संपन्न होगी।

  • इन्दौर ओंकारेश्वर इंन्दौर (75 कि.मी.) आवागमन छोटे वाहन (यथा, ट्रेवलर, आर्टिगा आदि) के माध्यम से होगा।

  • आरक्षण से पहले आयोजकों से सीट क्रमांक के विषय में पूर्व चर्चा अवश्य करें। किसी भी परिस्थिति में सीट क्र. नहीं बदला जावेगा। रोटेशन नहीं होगा।

  • प्रतिदिन 1 से 1.5 कि.मी. पैदल चलने की मानसिक एवं शारीरिक तैयारी के साथ यात्रा में पधारें ।

पूजन एवं कथा व्यवस्था
  • यात्रा में प्रतिदिन षोडशोपचार नर्मदा पूजन एवं संगीतमय नर्मदा पुराण कथा होगी। सभी यात्रियों को आवश्यक पूजन सामग्री आयोजकों द्वारा प्रदान की जावेगी।

  • पांच स्थानों पर माँ नर्मदा का महाश्रृंगार पूजन होगा। सामूहिक पूजन सामग्री की व्यवस्था आयोजकों की ओर से रहेगी, यात्री भक्त यदि स्वेच्छा से अपने साथ अपने साथ श्रृंगार पूजन सामग्री लाना चाहें तो ला सकते हैं।

  • प्रातःकालीन पूजन एवं कथा सत्र में पुरुषों को श्वेत लुंगी, धोती अथवा सोलिया तथा महिलाओं को भारतीय पोषाख धारण करना अनिवार्य है।

  • परिक्रमा में संकल्प, नर्मदा पुराण, तट परिवर्तन पूजन आदि विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के लिए प्रत्येक यात्रि को यात्रा प्रारंभ होते समय एक बार 2101/- रू. दक्षिणा, यात्रा शुल्क के अतिरिक्त देय है।

  • सागर यात्रा एवं माई की बगिया (अमर कंटक) में तट परिवर्तन के समय श्वेत वस्त्र अपेक्षित है।

Enquire

Don't hesitate to give us a call before, during, or after your trip. We're happy to assist you!